WWW वर्ल्ड वाइड वेब किया है
WWW वर्ल्ड वाइड वेब किया है :- वर्ल्ड वाइड वेब में सूचनाओं को वेबसाइट के रूप में रखा जाता है। ये वेबसाइट वेब सर्वर पर हाइपरटेक्स्ट फाइलों को संग्रहित होती है। वर्ल्ड वाइड वेब की एक नाम प्रणाली है , जिसके द्वारा प्रत्येक वेबसाइट को एक विशेष नाम दिया जाता है। उसी नाम से उसे वेब पर पहचाना जाता है। किसी वेबसाइट के नाम को उसका URL (Uniform Resource Locator) भी कहा जाता है।
जब हम किसी वेबसाइट को खोलना चाहते है , ब्राउजर प्रोग्राम के पते वाले बॉक्स या एड्रेस बार में उसका नाम या URL भरते है। इस नाम की सहायता से ब्राउजर प्रोग्राम उस सर्वर तक पहुँचता है जहा वह फाइल या वेबसाइट स्टोर की गई है और उसमे एक वेबपेज प्राप्त प्राप्त करने के बाद हमारे कंप्यूटर पर ला देता है। उस सुचना को ब्राउजर प्रोग्राम मॉनिटर की स्क्रीन पर प्रदर्शित कर देता है। उस वेबसाइट पर कई हाइपरलिंक भी हो सकते है। प्रत्येक हाइपरलिंक किसी अन्य वेबपेज या वेबसाइट का यूआरएल बताता है। उस लिंक को क्लिक करने पर ब्राउजर उसी वेबपेज या वेबसाइट तक पहुंचकर उसे उपयोगकर्ता को उपलब्ध करा देता है। इस प्रकार उपयोगकर्ता किसी वेबसाइट को देख सकता है , जिसका यूआरएल या नाम उसे पता हो।
डाटा अभिगमन विधिया :- डाटा अभिगमन विधिया निम्न प्रकार से है।
- सीधे अभिगमन (Data Access Methods)
- क्रमिक एक्सेस (Sequential Access)
- इंडेक्स सिकेशियल अभिगमन (Index Sequential Access)
सीधे अभिगमन विधि :- (Data Access Methods) में डाटा को किसी भी क्रम में प्राप्त किया जा सकता है एवं किसी भी क्रम में डाटा को स्टोर किया जा सकता है। इसकी डाटा एक्सेस करने की गति सीरियल एक्सेस विधि की तुलना में अधिक होती है। सीधे अभिगमन की आवश्यकता वह अधिक होती है जहा आंकड़ों को किसी भी क्रम में प्राप्त करना पढ़ जाता है। उदाहरण - ग्रामोफ़ोन , ओडिओ कैसेट।
इंडेक्स सिकेशियल अभिगमन विधि :- (Index Sequential Access) इसमें डायरेक्ट एक्सेस तथा Sequential Access Method दोनों का जोड़ होता है इसमें डाटा को Sequentially स्टोर किया जाता है तथा उस डाटा को हम किसी भी क्रम में प्राप्त कर सकते है क्योकि इसमें डाटा को स्टोर करते समय एक इंडेक्स तैयार हो जाती है इस इंडेक्स में उस डाटा का सही पता मौजूद होता है जिसकी सहयता से हम उस डाटा को देख सकते है। एक किताब भी इंडेक्स पेज की तरह होता है। इसमें डाटा का पता खोजने में ज़्यादा समय नस्ट नहीं होता है।
उदाहरण :- के रूप में डॉक्टर शर्मा का कमरा पता करने के लिए बिल्डिंग की डायरेक्ट्री या इंडेक्स देखेंगे तथा उसकी मंजिल और कमरे का नम्बर ज्ञात करेंगे। इस तरीके में सरे रिकॉड क्रम में लगे होते है तथा इंडेक्स तालिका का प्रयोग सरे रेकॉर्ड जल्दी प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इस तरीके में रिकॉर्ड तो किसी भी प्रकार से स्टोर कराया जा सकता है परन्तु सरे रिकॉर्ड इंडेक्स तालिका में क्रमनुसार लगे होते है।
इसे भी जाने :- ASCII कोड क्या है What is ASCII Code
इसे भी जाने :- कंप्यूटर का विकास ( Development of Computer ) कंप्यूटर का इतिहास (Computer of History)
0 टिप्पणियाँ
if you have any doubts, please let me know